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साइबर फ्रॉड से अपने एकाउंट को कैसे बचाएं

 21 वीं सदी भारत की सदी है, वैसे तो ये बात हरकोई कहता है, लेकिन आज बैंकिंग के क्षेत्र में हो रहे डिजिटल इनोवेशंस और इनके सेवाओं के डिजिटल होने की रफ्तार ने इसे प्रमाणित भी कर दिया है। हालांकि, हमारे देश के बैंक डिजिटल इनोवेशन के माध्यम से डिजिटल सेवाएं देने में तो आगे हैं, लेकिन इसी के साथ साइबर फ्रॉड या फिर कहें तो साइबर धोखाधड़ी का भी खतरा बढ़ते जा रहा है।

आज ऑनलाइन बैंकिंग और यूपीएआई सर्विसेज ने सभी की जिंदगी को आसान तो बनाया है, लेकिन इसी के साथ इनके इस्तेमाल में की गई थोड़ी सी लापरवाही आपकी जेब पर भी भारी पड़ सकती है। इसलिए ये बेहद जरूरी है कि आप इन सेवाओं का इस्तेमाल सावधानी के साथ करें। साथ ही आज के दौर में सभी को ये जानना भी बेहद जरूरी है कि आखिर हम अपने एकाउंट को साइबर फ्रॉड से कैसे बचाएं।

 

  • साइबर फ्रॉड क्या है और इसके सामान्य प्रकार

साइबर फ्रॉड एक तरह की अपराधिक गतिविधि है, जिसमें किसी के साथ धोखाधड़ी या अपराध के लिए कंप्यूटर, नेटवर्क उपकरण, या अन्य कोई डिजिटल साधन का उपयोग किया जाता है। इस तरह के अपराधों के लिए अपराधियों का आपके पास आना भी जरूरी नहीं है, बल्कि वो कहीं दूर बैठे भी आपकी व्यक्तिगत जानकारियों या आपकी किसी गलती का फायदा उठाकर आपका एकाउंट साफ कर सकते हैं। साइबर फ्रॉड को कई तरह से अंजाम दिया जा सकता है।

 

  • साइबर फ्रॉड के सामान्य प्रकार :

1. फिशिंग : जैसा की नाम से ही स्पष्ट होता है, इसमें साइबर अपराधियों द्वारा आपकी जानकारी हासिल करने के लिए कई तरह का झांसा दिया जाता है। ये झांसे धमकी या लालच के रूप में भी हो सकते हैं और उसके बदले में आपसे डेबिट कार्ड का पिन, मोबाइल नंबर पर आया ओटीपी, क्रेडिट कार्ड के डिटेल्स या आपके UPI एकाउंट से जुड़ी जानकारी मांगी जा सकती है।

ये ईमेल/SMS बिल्कुल असली के समान दिख सकते हैं। इसलिए, अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ बाँटने से बचने के लिए सतर्क रहें। फिशिंग में, धोखेबाज़ आपको ऐसे एसएमएस/ईमेल भेजेंगे जो वास्तविक प्रतीत होते हैं। जैसे ही आप लिंक पर क्लिक करेंगे, वे आपको एक हानिकारक वेबसाइट पर ले जाएंगे जो आपके सिस्टम में मैलवेयर स्थापित कर सकती है और आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुरा सकती है।

2. मैलवेयर : इस तरह के साइबर फ़्रॉड्स को अंजाम देने के लिए फिशिंग मेल, डाउनलोडेड फाइल्स या असुरक्षित लिंक्स के जरिये आपके फ़ोन या लैपटॉप में मैलवेयर वायरस भेजे जा सकते हैं।

इसलिए आपको किसी भी अंजान नंबर या ईमेल से प्राप्त होने वाले किसी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए और साथ ही किसी भी असुरक्षित ऐप को अपने डिवाइस पर इंस्टाल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आपको किसी अच्छे एंटीवायरस का भी इस्तेमाल करना चाहिए।

3. व्यक्तिगत पहचान की चोरी : इस तरह के सायबर अपराधों में आपकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे आपका नाम, आधार नंबर, पैन नंबर या क्रेडिट/डेबिट कार्ड की जानकारी चोरी करके या आपके सिम बदल के आप साइबर फ्रॉड का शिकार बन सकते हैं।

इसलिए इससे बचने के लिए आपको अपनी किसी भी व्यक्तिगत जानकारी को संभालकर रखनी चाहिए और साथ ही इनका कहां यूज हो रहा है, इसकी निगरानी भी करनी चाहिए।

4. रैनसमवेयर : यह एक प्रकार का मैलवेयर ही है, जिसके माध्यम से अपराधी आपके डेटा को लॉक कर सकते हैं और फिर उसे अनलॉक करने के लिए आपसे पैसे की मांग कर सकते हैं। इससे बचने के लिए आपको हमेशा अपने डेटा का बैकअप लेना चाहिए और साथ ही अच्छे एंटीवायरस का भी इस्तेमाल करना चाहिए।

इसके अलावा, आजकल यूपीआई रिफंड स्कैम, फर्जी डिलीवरी स्कैम, पुलिस का डर दिखाकर फर्जी कॉल करना, नौकरी का लालच देना, लॉटरी जीतने का प्रलोभन देना, और अन्य प्रकार के धोखाधड़ी भी आम हो गए हैं। जिनसे आपको बचकर रहना चाहिए।

 

  • सायबर फ्रॉड की पहचान कैसे करें

साइबर क्रिमिनल्स आजकल लोगों को फ़साने के लिए कई तरह के फर्जी काम करते हैं। आप साइबर फ्रॉड की पहचान निम्न तरीकों से कर सकते हैं :

1. आकर्षक कॉल्स/SMS/ईमेल : अगर आपको ऐसा कोई भी कॉल, SMS या ईमेल प्राप्त होता है, जिसमें कहीं अप्लाई किये बिना नौकरी या लॉटरी जितने की बात हो या किसी भी तरह का लालच दिया जाए, तो आपको उससे बचने की जरूरत है।
 
2. गोपनीय व्यक्तिगत जानकारियों की मांग : अगर आपको ऐसा कोई भी कॉल, SMS या ईमेल प्राप्त होता है, जिसमें आपसे आपकी व्यक्तिगत या गोपनीय जानकारी मांगी जाए, तो आपको उससे बचने की जरूरत है। ऐसे संदेश का जवाब न देना ही उचित है I
 
3. भारत से बाहर के नंबर से कॉल : अगर आपको +91 छोड़कर अन्य किसी भी अंक से शुरू होने वाले अंजान नंबर से कॉल्स या व्हाट्सएप कॉल्स आते हैं, तो आपको ऐसे कॉल नहीं उठाने चाहिए और उन्हें तुरंत ब्लॉक करना चाहिए।
 
4. जल्दबाजी वाले संदेश : अगर आपको ऐसा कोई भी मैसेज मिलता है, जिसमे सामने वाला जल्दबाजी में पैसे भेजने की बात करे या सब्सक्रिप्शन की मांग करे या फिर उन संदेशों में व्याकरण की अशुद्धियां हों, तो आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है।
 
  • जब आपको साइबर धोखाधड़ी का संदेह हो तो क्या करें?

अगर आपको ये शक है कि आप साइबर फ्रॉड के शिकार हो गए हैं, तो आपको तुरंत आगे दिए गए कदम उठाने चाहिए, वरना आप अपनी जमापूंजी खो सकते हैं।

1. बैंक को सूचना दें और एकाउंट सुरक्षित करें : साइबर फ्रॉड का अंदेशाहोते ही आपको सबसे पहले अपने बैंक में कॉल कर उन्हें इसकी सूचना देनी चाहिए और अपना एकाउंट सुरक्षित करना चाहिए। आपको ऐसी स्थिति में अपने क्रेडिट/डेबिट कार्ड और लेनदेन के अन्य साधनों को लॉक कर देना चाहिए। साथ ही आपको अपने जरूरी पासवर्ड्स भी बदल लेने चाहिए।
 
2. 1930 पर कॉल करें : अगर आपको साइबर फ्रॉड का शक हुआ है, तो तुरंत आपको केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए। साइबर फ्रॉड के बाद शुरू के दो से तीन घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए आपको शिकायत जल्द से जल्द दर्ज करानी चाहिए।
 
3. पुलिस में रिपोर्ट करें : अगर आपको जरूरत महसूस हो तो आपको 1930 पर कॉल करने के साथ ही पुलिस में भी रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए।
 
4. सिस्टम स्कैन करें : फिशिंग या मैलवेयर जैसे साइबर फ़्रॉड्स की स्थिति में आपको अपने सिस्टम को किसी भी वायरस के लिए स्कैन कर सुरक्षित करना चाहिए और इसके बाद ही उसका फिर से इस्तेमाल करें।
 
  • एसआईबी मिरर+ में ई-लॉक

अपने ग्राहकों को साइबर फ़्रॉड्स से बचाने के लिए साउथ इंडियन बैंक हमेशा से प्रतिबद्ध रहा है। इसीलिए ग्राहकों की सुरक्षा के लिए एसआईबी ई-लॉक सुविधा प्रदान कर रहा है, जिसका इस्तेमाल आप एसआईबी मिरर+ ऐप के जरिये कर सकते हैं।

इस खास फीचर का इस्तेमाल करके आप अपने खाते को अनधिकृत लेनदेन से सुरक्षित रख सकते हैं और सेफ बैंकिंग कर सकते हैं। एसआईबी मिरर+ में ई-लॉक कैसे कार्य करता है, ये आप आगे देख सकते हैं:

1. एसआईबी मिरर+ ऐप इंस्टाल करें : सबसे पहले आप अपने स्मार्टफोन एसआईबी मिरर+ ऐप को इंस्टॉल करें।

2. लॉगिन करें : एसआईबी मिरर+ ऐप में अपने विवरण भरकर लॉगिन करें।

3. ई-लॉक सुविधा को चुने : एसआईबी मिरर+ ऐप में लॉगिन करके ई-लॉक के विकल्प पर जाएं और इसे एक्टिव करें।

4. कस्टमाइजेशन : ई-लॉक को एक्टिव करने के बाद आप अपने खाते के कई फंक्शन्स को लॉक या अनलॉक कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप इसका इस्तेमाल कर इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम ट्रांज़ैक्शन, और पीओएस ट्रांजैक्शन को अपनी सुविधा अनुसार चालू या बंद कर सकते हैं।

5. निगरानी : एसआईबी मिरर+ ऐप के जरिये आप अपने खाते की गतिविधियों की निगरानी भी कर सकते हैं और अनधिकृत गतिविधियों का तुरंत पता लगा सकते हैं।

 
निष्कर्ष

आज डिजिटल बैंकिंग हमारी लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुका है, इसलिए साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सभी का जागरूक होना जरूरी है। आप अपने एकाउंट को सुरक्षित रखने के लिए समय समय पर पासवर्ड बदलने और उनकी जांच जैसे जरूरी कदम उठाते रहें। साथ ही अपने एकाउंट की सुरक्षा लिए आप एसआईबी मिरर+ ऐप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा अपनी गोपनीय जानकारियां किसी के साथ साझा ना करें और अपने एकाउंट के रक्षक खुद बनें।

 
 
 
 
 
 

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